7th Pay Commission
(सातवां वेतन आयोग) ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण भत्ता है महंगाई भत्ता (DA – Dearness Allowance)। आइए जानें, सरकार DA वृद्धि की गणना कैसे करती है और इसके पीछे का पूरा प्रक्रिया क्या है।
DA (महंगाई भत्ता) क्या है?
what is 7th pay commission
महंगाई भत्ता (DA) एक ऐसा भत्ता है जिसे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मुद्रास्फीति (inflation) के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। यह उनकी सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत होता है और समय-समय पर इसमें वृद्धि की जाती है।
DA वृद्धि की गणना कैसे होती है?
DA वृद्धि की गणना निम्नलिखित तरीकों से की जाती है:
1. AICPI डेटा: DA वृद्धि की गणना के लिए मुख्य रूप से अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है। यह सूचकांक औद्योगिक श्रमिकों के लिए तैयार किया जाता है और इसका प्रकाशन हर महीने श्रम ब्यूरो द्वारा किया जाता है।
2. औसत AICPI: पिछले 12 महीनों के AICPI आंकड़ों का औसत निकाला जाता है। यह औसत सूचकांक आधार वर्ष से तुलना की जाती है।
3. फॉर्मूला: DA वृद्धि की गणना के लिए एक विशेष फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है। यह फॉर्मूला निम्नलिखित है:
DA वृद्धि (%)=(बेस इंडेक्सऔसत AICPI−बेस इंडेक्स)×100
इस फॉर्मूले का उपयोग करके DA वृद्धि प्रतिशत निकाला जाता है।
DA वृद्धि का असर
DA वृद्धि का सीधा असर कर्मचारियों की मासिक आय पर पड़ता है। जब DA बढ़ता है, तो कर्मचारियों की कुल आय भी बढ़ जाती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। पेंशनधारकों के लिए भी DA वृद्धि का मतलब उनकी पेंशन में बढ़ोतरी होती है।
हाल की DA वृद्धि
हाल ही में, सरकार ने DA में वृद्धि की घोषणा की है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को लाभ हुआ है। इस वृद्धि के पीछे का कारण AICPI सूचकांक में वृद्धि है, जो मुद्रास्फीति के चलते बढ़ा है।
महंगाई भत्ता (DA) सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण भत्ता है जो मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करता है। 7th Pay Commission के तहत, DA वृद्धि की गणना AICPI डेटा और एक निश्चित फॉर्मूला के आधार पर की जाती है। इस प्रक्रिया की सही जानकारी होने से कर्मचारियों को अपनी सैलरी और भत्तों के बारे में स्पष्टता मिलती है।