पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) का नाम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें IAS (Indian Administrative Service) से बर्खास्त कर दिया है। यह कदम तत्काल प्रभाव से उठाया गया है, जो कि एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण घटना है। पूजा खेडकर का ये विवाद UPSC परीक्षा और सरकारी सेवा में उनके स्थान से संबंधित कई सवाल खड़े कर रहा है। आज मैं आपको पूजा खेडकर के जीवन, करियर, और इस विवाद के बारे में विस्तार से बताने जा रहा हूँ।
कौन हैं Pooja Khedkar?
Pooja Khedkar एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता दिलीपराव खेडकर महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिटायर्ड अधिकारी हैं और उनकी मां मनोरमा भलगांव की सरपंच हैं। उनके नाना जगन्नाथ बुधवंत वंजारी समुदाय के पहले IAS अफसर थे, जिन्होंने परिवार में सरकारी सेवा की एक मजबूत परंपरा कायम की। पूजा ने पुणे के श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की और 2021 में UPSC परीक्षा में 841वीं रैंक प्राप्त की।
Pooja Khedkar के विवाद और बर्खास्तगी
Pooja Khedkar की पहली नियुक्ति पुणे कलेक्टर ऑफिस में जून 2024 में हुई थी। हालांकि, नियुक्ति के कुछ ही दिनों बाद उन पर कई गंभीर आरोप लगे। उन पर आरोप है कि उन्होंने नियुक्ति के पहले ही दिन से कई अनुचित मांगें कीं, जैसे कि सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी, और एक अलग केबिन। इसके अलावा, उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का लोगो लगाया, जो कि सरकारी नियमों का उल्लंघन करता हैं।
पुणे के कलेक्टर सुहास दिवसे ने Pooja Khedkar के इन व्यवहारों को देखते हुए एक रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को सौंपी, जिसके बाद पूजा पर जांच शुरू हो गई।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल
पूजा खेडकर पर एक और गंभीर आरोप ये भी है कि उन्होंने UPSC के आवेदन पत्र में गलत जानकारी देकर OBC नॉन-क्रीमी लेयर और विकलांगता श्रेणी के तहत आरक्षण का फायदा उठाया। उन्होंने दावा किया कि वे 40% दृष्टिबाधित हैं और मानसिक बीमारी से जूझ रही हैं। हालांकि, उनकी यह जानकारी बाद में संदिग्ध पाई गई। पूजा के विकलांगता प्रमाणपत्र को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं, और दिल्ली पुलिस ने इसे “फर्जी” और “जाली” बताया है।
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई
सितंबर 2024 में, Pooja Khedkar ने दिल्ली हाई कोर्ट में खुद को मेडिकल जांच के लिए AIIMS (All India Institute of Medical Sciences) में जांच कराने की अनुमति देने की बात कही, ताकि उनके ऊपर लगे आरोपों का सही जवाब दिया जा सके। हालांकि, उनकी इस मांग के बाद भी मामले की गंभीरता कम नहीं हुई और केंद्र सरकार ने उन्हें IAS से बर्खास्त कर दिया।
भविष्य की अनिश्चितता
Union Public Service Commission (UPSC) ने भी पूजा खेडकर का कैंडिडेचर रद्द कर दिया है और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। Pooja Khedkar के खिलाफ यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने न सिर्फ सरकारी नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि सरकारी सेवा में रहते हुए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग भी किया।
Pooja Khedkar
Pooja Khedkar का मामला भारतीय प्रशासनिक सेवा में नियमों और नैतिकता के पालन के महत्व को रेखांकित करता है। सरकारी सेवा में प्रवेश के लिए सख्त नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी होता है, और जो व्यक्ति इस सेवा का हिस्सा बनता है, उसे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाना होता है। Pooja Khedkar का विवाद और उनकी बर्खास्तगी एक महत्वपूर्ण सबक है कि कानून और नैतिकता से कोई भी बड़ा नहीं है। दोस्तों ऐसी ही और जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहे।